खासतरीकेसेपैदाकिएगएमच्छरसे लगसकती हैडेंगूपरलगाम

लंदन (ईएमएस)। मचारजनित मिली। 2011 की शुरुभात में होने वाली बीमारी डेंगू की रोकथाम बोल्बीचा बैक्टीरिया कैरी करने वाले के लिए नई कोशिश से कारगर मच्छर नॉर्थ क्वींसलैंड में छोड़े गए। परिणाम सामने आए हैं। नॉन प्रॉफिट वर्ल्ड इंडोनेशिया, वियतनाम, मोस्वबीटो प्रोग्राम से जुड़े ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में कैमरॉन सिमन्स जो कि यह डेंगू के मामले तेजी से घट रिसर्च कर रहे हैं, उन्होंने रहे हैं, इसकी वजह है खास तरीके से बताया, डेंगू तब फैलता है जब मच्छर पैदा किए गए मच्छर। यह बात गुरुवार किसी इन्फेक्टेड इंसान को काटकर को एक इंटरनेशनल रिसर्च टीम की दसरे इंसान को काट लेता है। लेकिन खिोर्ट में सामने आई। ट्रायल में यह बोल्बीचा किसी तरह इसको ब्लॉक बात पहली बारसामने आई कि अगर कर देता है। उन्होंने बताया कि नॉर्थ मच्छरों में एक खास तरह का क्वीन्सलैंड में लोकल ट्रांसमिशन बैक्टीरिया हो तो इनसे डेंगू और इसी लगभग खत्म हो गया है। रिसर्च से तरह के और वायरस कम फैलते हैं। यह सामने आई कि ऐसे कुछमच्छरों वह बैक्टीरिया कीटों में कॉमन होता है को डेंग, चिकनगुनिया जैसी और इसके नुकसान भी कम होते है। खतरनाक बीमारियां फैलाने से रोका इसकी पहली हिंट ऑस्ट्रेलिया से जा सकता है।


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डीसीपी द्वारका जिला एन्टो अल्फोंस ने बताया कि सेक्टर चार की सड़क पर एक पांच सौ रुपये का नोट पड़ा था। इस नोट को देखने के बाद इलाके के लोग उसमें कोरोना वायरस होने की बात करने लगे।
बुध विहार में भी उड़ाई अफवाह दिल्ली के बुध विहार इलाके में शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें एक शख्स इलाके के एक एटीएम से रुपये निकाल कर जा रहा था, तभी अनजाने में उसके रुपये नीचे गिर गए। उसे रुपयों के गिरने का पता ही नहीं चला और वह उन रुपयों को उठाए बिना ऐसे ही चला गया।
ऐसी घटनाएं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में बीते तीन-चार दिनों से बढ़ गई है। वहीं नोट में कोरोना होने की अफवाहों पर विराम देने के लिए पुलिस भी हर भरसक प्रयास कर रही है। दिल्ली पुलिस की तरफ से ऐसी अफवाहों से लोगों को बचने की अपील की गई है। लोगों से अफवाह फैलने पर तत्काल मामले की सूचना पुलिस को देने को कहा गया है।
इस सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच गई और उसने उस नोट को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया है। डीसीपी का कहना है कि शायद किसी के जेब से यह नोट गिर गया था, लेकिन उसे कोरोना वायरस से जोड़कर अफवाह उड़ा दी गई। फिलहाल पूरे मामले की जांच के बाद ही नोट के संबंध में कुछ बताया जा सकता है।
गोली मारो सालों को: हिंसा और घृणा का निर्माण