इस्लामाबाद तनावमें आईआईटीछात्र गुलज़ार होंगेपाकके 5सालोंमें 50कीमौत मुख्यन्यायाधीश रिलीजकी .dstseen

इस्लामाबाद देशका देश के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों के कैंपस में बीते 5 सालों में 50 छात्रों पाकिस्तान की मौत हुई है। इनमें से अधिकतर छात्रों नेसूसाइडकिया था और ज्यादातर में अधिसूचना संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का केस वरिष्ठतम दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा 14 अहमद छात्रों की मौत आईआईटी गुवाहाटी में जस्टिस हई. जबकि आईआईटी मद्रास और भारतीय प्रायोगिकी संस्थान को आईआईटी बॉम्बे में 7-7 छात्रों की AINDANATOMETIMILANT स्वीकृति कैपस में मौत हुई। केंद्रीय मानव मुख्य संसाधन विकास मंत्री रमेश को पोखरियाल निशंक ने संसद एनके सदस्य प्रेमचंद्रन के सवाल के जवाब में यह बात कही। द रिवॉलूशनरी सोशलिस्ट प्रधानमंत्री पार्टी के सांसद ने आईआईटी मद्रास की छात्रा फातिमालतीफ की आत्महत्या पेपर से जुझ एक सवाल पूछा था, जिसके जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री थाने यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें कई सांसदों से इस संबंध में ने यह बात कही। केटीय मंत्री ने कहा कि कई मामटों मे उस खोसाका ज्ञापन मिला है कि फातिमा की सुसाइडसे जुड़े मामले की जांच कराई जानी में चाहिए। बता दें कि आईआईटी कैंपसों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को बाजवा लेकर मानव संसाधन मंत्रालय ने 6 साल पहले आईआईटी कानपुर के पूर्व मामले चेयरमैन एम.आनंदकृष्णन के नेतृत्व में एक कमिटी का गठन किया था। में .dstseen MIml राज्यपालधनखड़केलिएविसद्वार रेलवे


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डीसीपी द्वारका जिला एन्टो अल्फोंस ने बताया कि सेक्टर चार की सड़क पर एक पांच सौ रुपये का नोट पड़ा था। इस नोट को देखने के बाद इलाके के लोग उसमें कोरोना वायरस होने की बात करने लगे।
बुध विहार में भी उड़ाई अफवाह दिल्ली के बुध विहार इलाके में शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें एक शख्स इलाके के एक एटीएम से रुपये निकाल कर जा रहा था, तभी अनजाने में उसके रुपये नीचे गिर गए। उसे रुपयों के गिरने का पता ही नहीं चला और वह उन रुपयों को उठाए बिना ऐसे ही चला गया।
ऐसी घटनाएं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में बीते तीन-चार दिनों से बढ़ गई है। वहीं नोट में कोरोना होने की अफवाहों पर विराम देने के लिए पुलिस भी हर भरसक प्रयास कर रही है। दिल्ली पुलिस की तरफ से ऐसी अफवाहों से लोगों को बचने की अपील की गई है। लोगों से अफवाह फैलने पर तत्काल मामले की सूचना पुलिस को देने को कहा गया है।
इस सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच गई और उसने उस नोट को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया है। डीसीपी का कहना है कि शायद किसी के जेब से यह नोट गिर गया था, लेकिन उसे कोरोना वायरस से जोड़कर अफवाह उड़ा दी गई। फिलहाल पूरे मामले की जांच के बाद ही नोट के संबंध में कुछ बताया जा सकता है।
गोली मारो सालों को: हिंसा और घृणा का निर्माण